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Narasimha Jayanti: व्रत, कथा, महत्व और पूजन विधि-2025

Narasimha Jayantiजब भगवान खुद ‘सिंह’ बनकर उतरे थे धर्म की रक्षा के लिए!

क्या आपने कभी सुना है कि भगवान भी क्रोधित हो सकते हैं? और जब वो क्रोधित होते हैं, तो राक्षसों की क्या हालत होती है?

नरसिंह जयंती, जिसे नरसिंह चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान विष्णु के चौथे अवतार की प्रकट होने की तिथि है।
यह पर्व वैशाख मास की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को मनाया जाता है, जब भगवान ने आधे सिंह और आधे मानव रूप में हिरण्यकशिपु का वध किया था।


नरसिंह जयंती ( Narasimha Jayanti) उसी ‘भगवद-गुस्से’ का सबसे चमत्कारी उदाहरण है – जब भगवान विष्णु ने खुद को आधा सिंह और आधा मानव में बदलकर अधर्म का सीना चीर दिया था!

Narasimha Jayanti

Narasimha Jayanti

ये वो दिन है जब भक्त प्रह्लाद की एक पुकार पर, भगवान विष्णु ने अपने सभी रूपों से हटकर एक ऐसा रूप धारण किया, जिसे ना इंसान कह सकते हैं, ना जानवर – क्योंकि राक्षस हिरण्यकशिपु ने तिकड़म ऐसा किया था कि उसे कोई मार ही न सके!

💥 इस दिन का संदेश है –
“जब अन्याय बढ़ता है, तब भगवान को क्रोध भी आता है!”
“जब भक्त पर अत्याचार होता है, तो साक्षात विष्णु सिंह बन जाते हैं!”

नरसिंह जयंती केवल पूजा का दिन नहीं – यह दिन है हर उस आवाज़ की जीत का जो सच्चाई के लिए उठती है, यह पर्व है उनका, जो अकेले अधर्म के खिलाफ डटे रहते हैं, ठीक प्रह्लाद की तरह।

इस दिन घर-घर में गूंजते हैं जयकारे –
🔔 “नरसिंह देव की जय!”
🌼 “भक्त प्रह्लाद अमर रहें!”
🔥 “हिरण्यकशिपु का घमंड चूर हो!”

इसलिए 11 मई 2025 को तैयार हो जाइए —
🕯️ दीप जलाइए,
📿 व्रत रखिए,
📖 कथा सुनिए,
और भगवान नरसिंह को अपने घर आमंत्रित कीजिए —
क्योंकि जब वो आते हैं, तो डर भाग जाता है… और धर्म की दहाड़ सुनाई देती है!

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🌞 कब मनाई जाएगी Narasimha Jayanti 2025?

Narasimha Jayanti 2025 Date and Time?

📅 तिथि: रविवार, 11 मई 2025
🕓 चतुर्दशी आरंभ: सुबह 05:39 बजे
🕘 चतुर्दशी समाप्त: 12 मई को सुबह 06:59 बजे
🌄 व्रत पारण: 12 मई को सूर्योदय के बाद

निशीथ काल पूजा मुहूर्त (रात्रिकालीन विशेष पूजा समय):
🔸 रात 11:39 PM से रात 12:24 AM तक (11 मई रात्रि से 12 मई प्रातःकाल तक)

🌅 व्रत पारण (व्रत तोड़ने का सही समय):
🔸 12 मई 2025, दोपहर 12:47 PM के बाद

🦁 नरसिंह अवतार की रहस्यमयी कथा | The Thrilling Story of Narasimha Avatar

इस कहानी में है ड्रामा, भक्ति, और धर्म की विजय!
राक्षस राजा हिरण्यकशिपु को मिला था एक अजीब सा वरदान – वह न दिन में मरेगा, न रात में; न घर में, न बाहर; न इंसान से, न जानवर से; न अस्त्र से, न शस्त्र से।

उसने खुद को भगवान समझ लिया… लेकिन बेटा प्रह्लाद बना रहा भगवान विष्णु का परम भक्त।

अब बताइए, एक भक्त को कोई राक्षस सताए और भगवान चुप रहें?
बिलकुल नहीं!

तभी संध्या समय, दरवाजे की चौखट पर, एक विकराल रूप प्रकट होता है — आधा सिंह, आधा मानव!
भगवान नरसिंह!
उन्होंने हिरण्यकशिपु को अपनी जंघा पर बैठाकर नाखूनों से चीर डाला — बिना अस्त्र, बिना शस्त्र, न दिन, न रात में, न घर, न बाहर!

🛐 नरसिंह जयंती की पूजा विधि | Rituals of Narasimha Jayanti

👉 सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें
👉 भगवान नरसिंह का पंचामृत स्नान करें
👉 पीले फूल, चंदन, धूप-दीप से करें पूजन


👉 मंत्र जपें:
“ॐ उग्रं वीरं महा विष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युम् नमाम्यहम्॥”

👉 व्रत रखें – जल और फल से
👉 शाम को हवन करें – तिल, घी, गुड़ की आहुतियाँ
👉 कथा सुनें – प्रह्लाद और नरसिंह की अमर कथा

🔱 नरसिंह जयंती का महत्व | Significance of Narasimha Jayanti

भक्त की रक्षा का व्रत: जब भक्त संकट में हो, भगवान स्वयं प्रकट होते हैं
न्याय की विजय: अधर्म चाहे कितना भी ताकतवर क्यों न हो, अंत होता है
भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति: नरसिंह पूजा से सभी भय नष्ट होते हैं
शत्रु नाशक व्रत: यह व्रत शत्रु बाधाओं और कोर्ट-कचहरी के झंझट से छुटकारा दिलाता है

🎉 कैसे मनाएं नरसिंह जयंती? | How to Celebrate Narasimha Jayanti 2025

🌼 घर की सफाई करें – शुद्ध वातावरण में भगवान आते हैं
🕯️ पूजा स्थान सजाएं – पीले कपड़े, दीपक, फूल
📿 भगवान नरसिंह की मूर्ति/चित्र स्थापित करें
📖 कथा पाठ करें – बच्चों को प्रह्लाद की कहानी सुनाएं
🎶 भजन कीर्तन करें – “जय नरसिंह देव” गूंजे घर में
🍛 प्रसाद वितरण करें – भोग में तिल, गुड़ और पंचामृत दें
🎁 दान करें – गाय, वस्त्र, भोजन, और तिल का दान श्रेष्ठ होता है

Narasimha Jayanti कुछ और रहस्यमयी बातें!

  • कहते हैं कि नरसिंह जयंती पर तिल से हवन करने से पितृ दोष और कालसर्प दोष भी दूर होता है
  • जो लोग बार-बार बुरे सपने या नकारात्मक शक्तियों से घिरे रहते हैं – उन्हें इस दिन नृसिंह मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए
  • इस दिन अहंकार, क्रोध और अधर्म का अंत करने का संकल्प लें

📜 अस्वीकरण | Disclaimer

Narasimha Jayanti इस लेख में दी गई जानकारी प्राचीन धार्मिक ग्रंथों, पंचांगों, पुराणों और सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त विवरण पर आधारित है। हमने इसमें दिए गए शुभ मुहूर्त, व्रत विधि, और कथाएं पूरी सावधानी के साथ संकलित की हैं, फिर भी यह जानकारी सामान्य जनजागरूकता और धार्मिक भावना के उद्देश्य से ही दी गई है।

🔸 पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी प्रकार के विशेष पूजा, उपवास या धार्मिक अनुष्ठान से पूर्व अपने स्थानीय पंडित, ज्योतिषाचार्य या आध्यात्मिक गुरु से सलाह अवश्य लें।
🔸 इस लेख का उद्देश्य किसी धर्म, परंपरा या व्यक्ति की भावना को ठेस पहुँचाना नहीं है।
🔸 Narasimha Jayanti समय, तिथि और मुहूर्त सूर्य उदय-अस्त की भौगोलिक स्थितियों पर आधारित होते हैं, इसलिए उनमें अंतर आ सकता है।

🙏 हम आपकी आस्था का सम्मान करते हैं और हर धर्म के सकारात्मक पहलुओं को प्रोत्साहित करते हैं।

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