2025 में मलमास: शुभ कार्यों पर ब्रेक या आध्यात्मिक बूस्टर? जानिए इसकी रोचक कहानियाँ!
2025 में मलमास:
हिंदू धर्म में साल के कुछ समय को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है, और ऐसा ही एक समय होता है मलमास (अधिक मास)। यह कोई आम महीना नहीं, बल्कि ऐसा कालखंड है जब देवताओं की सभा में भी हलचल मच जाती है! इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग जाता है।

अब सवाल ये उठता है कि 2025 में मलमास कब लगेगा और क्यों इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक होती है? आइए इस रहस्यमयी मास के पीछे की वजह, इसकी पौराणिक कथाएँ और इसका महत्व जानते हैं।
📅 मलमास 2025 कब लगेगा? (Malmas 2025 Dates)
🔹 मलमास 2025 की शुरुआत: 14 मार्च 2025
🔹 मलमास 2025 की समाप्ति: 13 अप्रैल 2025
इसका मतलब है कि होली (25 मार्च) के तुरंत बाद भी कोई शुभ कार्य नहीं होंगे! आमतौर पर होली के बाद विवाह और गृह प्रवेश शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार मलमास के कारण 13 अप्रैल तक सभी मांगलिक कार्य रुके रहेंगे।
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🔍 मलमास क्यों लगता है? (Why Malmas Happens?)
क्या आपने कभी सोचा है कि मलमास क्यों आता है? इसका कारण सूर्य और चंद्रमा के बीच समय का अंतर है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर दो साल, आठ महीने और 16 दिनों के बाद एक अतिरिक्त महीना बन जाता है। इस महीने को मलमास, अधिकमास या पुरुषोत्तम मास कहते हैं।
इस दौरान सूर्य मीन राशि में गोचर करता है, जिसे मीन संक्रांति कहा जाता है। जब सूर्य इस राशि में होता है, तो यह ग्रहों की उग्रता को बढ़ा देता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय हो जाती है। यही वजह है कि इस समय कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
🛑 मलमास में शुभ कार्य क्यों वर्जित होते हैं? (Why No Auspicious Work in Malmas?)
मलमास में मांगलिक कार्यों पर रोक लगाने के पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा भी है!
🌟 मलमास की पौराणिक कथा: जब महीनों ने भगवान से न्याय की गुहार लगाई!
कहते हैं कि जब 12 महीने मिलकर भगवान विष्णु के पास पहुंचे, तो अधिकमास रोते हुए उनके सामने खड़ा हो गया।
➤ उसने भगवान से शिकायत की – “हे प्रभु! बाकी सभी महीनों का कोई ना कोई महत्व है, कोई देवी-देवताओं को समर्पित है, तो कोई पर्व-त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन मेरी तो कोई पहचान ही नहीं! सब मुझे अशुभ मानते हैं और मेरे दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करता।”
➤ यह सुनकर भगवान विष्णु मुस्कुराए और बोले – “तुम्हारा नाम पुरुषोत्तम मास होगा और जो भी इस मास में पूजा-पाठ करेगा, उसे हजार गुना पुण्य मिलेगा!”
➤ तभी से मलमास को अधिकमास या पुरुषोत्तम मास कहा जाने लगा और इस दौरान व्रत, दान, ध्यान और भक्ति कार्यों का विशेष महत्व बढ़ गया।
🧐 मलमास में क्या करना चाहिए? (What to Do in Malmas?)
अगर शुभ कार्य नहीं कर सकते तो मलमास के दौरान क्या करें? चिंता मत करिए, क्योंकि यह समय आध्यात्मिक उन्नति के लिए सबसे बेहतरीन होता है!
✅ भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करें
✅ श्रीमद्भागवत गीता, विष्णु पुराण और रामायण का पाठ करें
✅ गाय को हरा चारा खिलाएं और गरीबों को भोजन दें
✅ ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान करें
✅ नकारात्मक विचारों से बचें और ध्यान साधना करें
अगर आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो इस महीने की शक्ति आपके जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकती है!
🔥मलमास 2025 के बाद शुभ कार्य कब शुरू होंगे? (When Can We Start Auspicious Work Again?)
📢 13 अप्रैल 2025 को मलमास खत्म हो जाएगा और 14 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेगा, जिसे ‘मेष संक्रांति’ कहा जाता है। यह दिन खरमास की समाप्ति का संकेत देगा और मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो सकेंगे!
📅 विवाह और गृह प्रवेश की शुभ तिथियाँ: 14 अप्रैल 2025 के बाद से शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे।
📜 निष्कर्ष: मलमास 2025 का महत्व
🔹 मलमास हर 2-3 साल में आता है और इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।
🔹 2025 में मलमास 14 मार्च से 13 अप्रैल तक रहेगा।
🔹 यह समय पूजा-पाठ, दान और आध्यात्मिक साधना के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
🔹 भगवान विष्णु ने इसे ‘पुरुषोत्तम मास’ का दर्जा दिया है, जिससे इसमें किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाता है।
🔹 13 अप्रैल को मलमास समाप्त होगा और 14 अप्रैल से विवाह, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे।
तो इस मलमास में आप क्या करने वाले हैं? ध्यान और भक्ति या आराम? हमें कमेंट में बताएं! 🙏🔥
2025 में मलमास कब लगेगा?
2025 में मलमास 14 मार्च से 13 अप्रैल तक रहेगा। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे।
मलमास क्यों लगता है?
मलमास हर 2-3 साल में एक बार आता है क्योंकि सूर्य और चंद्रमा के बीच के समय अंतर को पूरा करने के लिए हिंदू पंचांग में एक अतिरिक्त महीना जोड़ा जाता है।
मलमास के दौरान क्या करना चाहिए?
इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा, भागवत गीता का पाठ, दान-पुण्य और ध्यान-साधना करना शुभ माना जाता है।
2025 में मलमास के बाद शुभ कार्य कब शुरू होंगे?
13 अप्रैल 2025 को मलमास समाप्त होगा और 14 अप्रैल से विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो सकेंगे।
मलमास को पुरुषोत्तम मास क्यों कहा जाता है?
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने मलमास को ‘पुरुषोत्तम मास’ का दर्जा दिया, जिससे इस दौरान किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाता है।