राम नवमी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
🔥 राम नवमी का महापर्व: जब धरती पर उतरे मर्यादा पुरुषोत्तम
आइए कल्पना करें… अयोध्या नगरी में हर्षोल्लास का अद्भुत वातावरण है। स्वर्ग से देवता पुष्पवर्षा कर रहे हैं, गंधर्व मधुर गीत गा रहे हैं, हर दिशा में दिव्यता का संचार हो रहा है और कौशल्या के कक्ष में एक दिव्य प्रकाश फैलता है… और तभी जन्म लेते हैं श्रीराम – मर्यादा, करुणा और धर्म के प्रतीक।
यह राम नवमी केवल एक धार्मिक दिन नहीं है, यह वह क्षण है जब सृष्टि को उसका मार्गदर्शक, न्यायप्रिय और आदर्श राजा प्राप्त हुआ। यह दिन एक संस्कृति की आत्मा, एक युग की आशा और हर सनातनी के हृदय की धड़कन है।

जब कौशल्या ने देखा वो दिव्य रूप – चारों भुजाएँ, शंख, चक्र, गदा, पद्म – तब मुनियों ने यही गाया:
“भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी…”
🛕 राम नवमी क्या है? | What is Ram Navami?
राम नवमी क्यों मनाई जाती है?
राम नवमी, भगवान श्रीराम के जन्म का उत्सव है – जिनका जन्म त्रेता युग में अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था। राम, विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं और इन्हें “मर्यादा पुरुषोत्तम” कहा गया – यानी आदर्श पुरुष, जिनका जीवन धर्म, नीति और सेवा का प्रतीक है।
🌺 यह दिन न केवल एक पर्व है, बल्कि वह क्षण है जब धरती ने सत्य, धर्म और करुणा को जीवित रूप में देखा।
🔥 जब स्वर्ग से उतरे श्रीराम
राजा दशरथ संतानहीन थे। ऋष्यशृंग के यज्ञ के बाद अग्निदेव ने उन्हें दिव्य खीर दी, जिसे उनकी तीनों रानियों ने ग्रहण किया। फिर चैत्र शुक्ल नवमी के दिन मध्याह्न के समय श्रीराम ने जन्म लिया – और तभी…
“भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी…”
गूंज उठी अयोध्या की गलियाँ, देवताओं ने पुष्पवर्षा की और गंधर्वों ने गान किया।
🕒 राम नवमी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
- 📅 तिथि: रविवार, 6 अप्रैल 2025
- 🌞 मध्यान्ह मुहूर्त (श्रीराम जन्म काल): सुबह 11:08 AM से दोपहर 1:39 PM तक
- नवमी तिथि आरंभ: 5 अप्रैल 2025 को शाम 7:26 PM
- नवमी तिथि समाप्त: 6 अप्रैल 2025 को शाम 7:22 PM
👉 इस दौरान श्रीराम का विशेष पूजन, जन्मोत्सव आरती और ‘श्रीराम जन्म’ का स्मरण अत्यंत फलदायक माना जाता है।
📚 रोचक कथा: श्रीराम का जन्म सिर्फ राक्षसों के नाश के लिए नहीं था!
यह तो सब जानते हैं कि रावण वध के लिए श्रीराम का अवतार हुआ, पर क्या आप जानते हैं…
🪔 असली कारण था –
ब्रह्मा, देवगण और ऋषियों का सामूहिक आह्वान, जिन्होंने पृथ्वी पर फैले अधर्म, अहंकार और अपवित्रता से रक्षा की प्रार्थना की।
🌠 विष्णु बोले – “अब मैं पृथ्वी पर पुत्र रूप में अवतरित होकर धर्म की पुनः स्थापना करूंगा।”
🎉 राम नवमी कैसे मनाई जाती है? | Festivities of Ram Navami
- 🔱 झांकियाँ: श्रीराम के जीवन की झलकियाँ – जन्म, वनवास, सीता स्वयंवर, रावण वध
- 🕯 राम जन्म आरती और शंखनाद
- 📜 रामचरितमानस का अखंड पाठ
- 🍛 पंजिरी, पंचामृत और तुलसी पत्र से भोग
- 🚶♂️ राम नवमी शोभायात्राएँ और राम रथ यात्रा
🧨 राम नवमी पर अद्भुत चमत्कार
- भगवान राम के जन्म के समय घड़ी की सुइयाँ थम गई थीं, समय स्थिर हो गया था – क्योंकि स्वयं ‘काल’ ने जन्म लिया था।
- कई साधु कहते हैं कि अयोध्या में हर साल राम नवमी के दिन एक दिव्य गंध स्वतः प्रकट होती है।
- त्रेता युग की कुंडली के अनुसार, राम नवमी का योग धन, ज्ञान, विजय और विवाह में भी अद्भुत सफलता देता है।
विपरीत परिस्थितियों में सहायता का महत्व: स्वामी रामतीर्थ और चंदू हलवाई की प्रेरणादायक कहानी 2025
🛐 राम नवमी पर क्या करें? (Special Tips)
- 🌺 तुलसी पत्र, केले के पत्ते, और गुलाब से श्रीराम को भोग लगाएँ
- 📖 “श्रीराम जय राम जय जय राम” मंत्र का जाप करें – कम से कम 108 बार
- 🧘 “श्रीराम जन्म” के समय मौन ध्यान करें
- 🎶 “भए प्रगट कृपाला” का सस्वर गान करें
🎶 भजन: “भए प्रगट कृपाला” – संपूर्ण पाठ
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी॥
लोचन अभिरामा, तनु घनश्यामा, निज आयुध भूषन।
कर्णन कुण्डल, तिलक चारु उर, श्रीवत्स मणि भूषण॥
भूषन बनमाला, नयन विसाला, सोभा सिंधु अनूप।
नील जलज तनु, मनु मंजु रजनी, चारु चपल चित चोर॥
भृकुटि बिलास भाल चंद्रिका, वदन अरुण बिमला बिसाला।
नासाग्र मौक्तिक, कनक पटोटी, कटि तट सुंदर बाला॥
कर नव नाल चूड़ामणि, सिर मुकुट मणि गन शोभा।
गजगति चाल, बाल अनुकूला, नयन बिसाल लोभा॥
कौसल्या उर लागे, कहत स्नेह सुभागे।
“जननी मैं बालक जानौं, मोरे मन आनंद न समाने॥”
💡 विशेष तथ्य:
- यह भजन उस समय का वर्णन करता है जब भगवान श्रीराम ने कौशल्या को अपने दिव्य रूप में दर्शन दिए।
- इसमें उनके शारीरिक सौंदर्य, शस्त्र-आभूषणों, चेहरे की दिव्यता, और उनके विनम्र बाल रूप का अद्भुत संयोजन है।
- इसे राम नवमी पर गाना अत्यंत फलदायक और आनंददायक माना जाता है।
🔚 निष्कर्ष:
राम नवमी सिर्फ उत्सव नहीं, आत्मा की पुनर्जन्म है।
इस दिन भक्ति, संस्कार, प्रेम और सेवा का सजीव रूप श्रीराम हमारे घर और हृदय में उतरते हैं।
🌟 “राम नाम में शक्ति है, राम कथा में भक्ति है, और राम नवमी में अमर जीवन की झलक है।”